NIOS DELEd : केंद्र सरकार का फैसला, एनआईओएस से डीएलएड करने वाले बन सकेंगे शिक्षक
सेवा में रहते हुए जिन लाखों शिक्षकों ने नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) से डीएलएड कोर्स किया है, वह अब सभी समकक्ष रोजगार के लिए मान्य होगा। नेशनल काउंसिल फार टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने इस बाबत पटना हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को स्वीकार करते हुए इस कोर्स को मान्यता प्रदान कर दी है। इस कोर्स को करने वाले शिक्षक अब देश में कहीं भी उसके अनुरूप शिक्षक पद हासिल करने के योग्य माने जाएंगे।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने बुधवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी। उन्होंने इस बाबत एनसीटीई द्वारा बिहार के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र को भी नत्थी किया है जिसमें कोर्स को मान्यता देते हुए हाईकोर्ट के फैसले के अनुरूप भविष्य में कदम उठाने को कहा है।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने बुधवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी। उन्होंने इस बाबत एनसीटीई द्वारा बिहार के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र को भी नत्थी किया है जिसमें कोर्स को मान्यता देते हुए हाईकोर्ट के फैसले के अनुरूप भविष्य में कदम उठाने को कहा है।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले रमेश पोखरियाल निशंक ने NIOS D.EL.Ed कोर्स करने वाले शिक्षकों के सवालों के जवाब में कहा था कि सरकार एनआईओएस डीएलएड शिक्षकों के मसले पर आए पटना हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करेगी। आपको बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) के उस आदेश को खारिज कर दिया था जिसमें उसने प्राइमरी टीचरों की बहाली में 18 महीने के डीएलएड कोर्स को अमान्य करार दिया था। पटना हाईकोर्ट के इस फैसले से एनआईओएस डीएलएड डिग्रीधारियों को बड़ी राहत मिली थी। हाईकोर्ट ने डिप्लोमा इन एलिमेंटरी डिग्रीधारियों को शिक्षक बहाली प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दे दी थी।
मालूम हो कि 18 महीने के डीएलएड कार्यक्रम को उन लाखों शिक्षकों के लिए आयोजित किया गया था जो अप्रशिक्षित थे और शिक्षा के अधिकार कानून के चलते उनकी नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा था। एनआईओएस ने करीब 13-14 लाख शिक्षकों को यह कोर्स कराया था। इसके लिए संसद में कानून पारित कर विशेष रूप से मंजूरी ली गई थी।

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