अमेरिका की खुशहाल जीवन छोड़कर कर रहे है खेती
*प्रेरणा अमेरिका की खुशहाल जिंदगी छोड़कर प्राकृतिक खेती कर रहे कोलकाता के दंपति* *अमेरिका में प्रोफेसर रहीं* *अपराजिता और एक कंपनी में सॉफ्टवेयर डेवलपर रहे देबल केमिकलाइज खाद्य से ऊबकर अपने कोलकाता के गांव लौट आए। प्राकृतिक खेती करने के साथ ही बच्चों को पढ़ाने-लिखाने लगे। इसके साथ ही, वे आसपास के किसानों को रासायनिक खेती छोड़कर अपनी तरह की खेती में ट्रेंड कर रहे हैं। अपने कोलकाता के खेत में अपराजिता और देबल* अमेरिका की नौकरी से अपनी ज़िंदगी में खुशहाल होने के बावजूद पश्चिमी बंगाल लौटकर प्राकृतिक खेती कर रहे अपराजिता सेन गुप्ता और उनके पति देबल मजुमदार पिछले कुछ वर्षों से अपने दो एकड़ के खेत में ही जरूरत भर को दाल, चावल, सब्ज़ियाँ, फल, मसाले पैदा कर लेते हैं। वे बताते हैं कि नोटबंदी के दौरान उनको दो सप्ताह तक तो बैंक जाने की ज़रूरत ही नहीं महसूस हुई क्योंकि मात्र सौ-दो सौ रुपये में उनका गुज़ारा हो जा रहा था। अंग्रेजी से पीएचडी अपराजिता अमेरिका में असिस्टेंट प्रोफेसर और देबल एक कंपनी में सॉफ्टवेयर डेवलपर थे। दोनो को वहां की हाईटेक, हाईफाई जिंदगी रास नहीं आ रही थी। वहां की फल-सब्ज़ियाँ