फेस मास्क भी अब मुनाफाखोरी की भेंट चढ़ गया

कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए फेस मॉस्क सबसे सरल और सस्ता उपाय है। इसके पहनने से संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है, लेकिन फेस मास्क भी अब मुनाफाखोरी की भेंट चढ़ गया है। इससे लोगों की जान खतरे में पड़ गई है। बाजार में ऐसे मास्क मनमाने दाम पर धड़ल्ले से बिक रहे हैं, जो कोरोना संक्रमण को रोकने में कारगर नहीं हैं। चिंताजनक बात यह है कि इस पर निगरानी और नियंत्रण नहीं दिख रहा।
जानकार बताते हैं कि ऐसे घटिया गुणवत्ता वाले मास्क में स्पनबांड कपड़े का उपयोग हो रहा है, जो कोरोना संक्रमण को रोकने में कारगर नहीं है। इस कपड़े से प्रति मास्क बनाने की कीमत एक रुपए आ रही है। यही मास्क फुटपाथ से लेकर दुकानों में 10 से 20 रुपए में बिक रहा है। अच्छे सर्जिकल मास्क में मेल्ट ब्लॉन कपड़े का उपयोग होता है। दरअसल मेल्ट ब्लॉन कपड़े के दाम में इन दिनों भारी उछाल आया है, इसलिए कंपनियां इस कपड़े का उपयोग नहीं कर रही। फरवरी में जो मेल्ट ब्लॉन 300 रुपए प्रति किलो मिल रहा था, जबकि अब इसकी कीमत 5700 रुपए प्रति किलो हो गई है।
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