पालघर: दो साधुओं की लिंचिंग का मामला सुप्रीम कोर्ट में, CBI जांच की मांग को लेकर याचिका दाखिल;

पालघर. महाराष्ट्र  के पालघर में दो साधुओं की भीड़ द्वारा हत्या का मामला अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में मामले की जांच को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी CBI को सौंपने की मांग की गई है. साधुओं के रिश्तेदारों और जूना अखाड़ा  के साधुओं द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि उन्हें महाराष्ट्र सरकार और पुलिस (Maharashtra Police) की जांच पर भरोसा नहीं है.

याचिका में कहा गया है कि इस मामले में शक की सुई पुलिस के पर ही है ऐसे में पुलिस से सही तरीके से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है और मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा.

 दो पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था
इससे पहले दो साधुओं सहित तीन व्यक्तियों की पीट-पीट कर हत्या करने के मामले में दो और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही इस मामले में गिरफ्तार व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 150 हो गई है. इनमें 10 किशोर भी शामिल हैं. महाराष्ट्र पुलिस का अपराध जांच विभाग (CID) पालघर जिले में 16 अप्रैल को दो साधुओं सहित तीन व्यक्तियों की पीट-पीट कर हत्या करने के मामले की जांच कर रहा है. अधिकारी ने बताया कि सोमवार को गिरफ्तार किये गए दो व्यक्तियों को न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया जिन्होंने दोनों को 31 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
बता दें कि पालघर जिले में करीब 200 लोगों की भीड़ ने चोर होने के शक में तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. बाद में इनमें से 2 लोगों के साधु थे, जबकि तीसरा शख्स ड्राइवर बताया गया. यह घटना उस समय हुई, जब ये लोग मुंबई (Mumbai) के कांदीवली से कार में सवार होकर गुजरात के सूरत जा रहे थे. मृतकों की पहचान 70 वर्षीय चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरी, 35 वर्षीय सुशीलगिरी महाराज और चालक 30 वर्षीय निलेश तेलगड़े के रूप में की गई थी.

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