Music as a Career

फेमस आयरिश सिंगर वेन बोनो ने ठीक ही कहा है कि म्यूजिक दुनिया को बदलने की काबिलियत रखता है, क्योंकि यह लोगों को बदल सकता है। म्यूजिक हमारे दिल से डायरेक्ट रिलेशन कायम करता है। म्यूजिक हमें हंसाता है, तो कई बार रुलाता भी है। समय के साथ-साथ हर चीज में चेंज आता है, म्यूजिक भी इससे अछूता नहीं है। नए-नए इंस्टूमेंट्स, टेक्नोलॉजी, करियर ब्रांच इससे जुडी हैं। इस चेंज को रफ्तार दी है एंटरटेनमेंट चैनल्स और एफएम चैनल्स की प्रतिस्पर्धा ने। पार्टी कल्चर के ट्रेंड ने भी म्यूजिक के नए रूप-रंग को हम लोगों के सामने लाने का काम किया है। आज हम बात करने जा रहे हैं, म्यूजिक फील्ड से रिलेटेड उन कुछ करियर ऑप्शन्स के बारे में, जो एम्प्लॉयमेंट के लिहाज से काफी पॉपुलर होते जा रहे हैं। आप इन नए ऑप्शन्स को हॉबी और करियर दोनों रूपों में ले सकते हैं..
डेडिकेशन
-डिटरमिनेशन
-हार्डवर्क
-एडोप्टेबिलिटी
-टीमवर्क
-सेल्फ कॉन्फिडेंस
-क्रिएटिविटी
-एम्बिशन
म्यूजिक के पॉपुलर कोर्स
-बीए (ऑनर्स), म्यूजिक
-बीए (विजुअल/आ‌र्ट्स / म्यूजिक /डांस एंड ड्रामा)
-बीए, म्यूजिक
-बीए, तबला
-बीएफए, सितार
-सर्टिफिकेट कोर्स इन म्यूजिक
-सर्टिफिकेट कोर्स इन म्यूजिक एंड डांस
-सर्टिफिकेट कोर्स इन म्यूजिक एप्रीसिएशन एंड म्यूजिक
-डिग्री इन म्यूजिक
-डिप्लोमा इन म्यूजिक
-डिप्लोमा इन सितार
-डिप्लोमा इन तबला
-डिप्लोमा प्रोफीसिएंसी कोर्स इन म्यूजिक
-एमए इन म्यूजिक
-एमफिल इन म्यूजिक
-पीएचडी इन म्यूजिक
-यूजी डिप्लोमा कोर्स इन म्यूजिक एंड डांस
महत्वपूर्ण संस्थान
-कलकत्ता यूनिवर्सिटी, कोलकाता
-दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली
-हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी, शिमला
-इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ
-बीएचयू, बनारस
-जयप्रकाश विश्वविद्यालय, बिहार
-कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, हरियाणा
-सरस्वती म्यूजिक कॉलेज, दिल्ली
-लक्ष्मीदेवी ललित कला अकादमी, कानपुर
म्यूजिक कंपोजर धुनों को सुरों में पिरोने का काम करता है। वह ऑडियंस के मूड, उसकी च्वाइस, ट्रेंड के बेस पर ऐसी धुनें देता है, जो मार्केट में मैजिक कर देती हैं।
जिंगल राइटर म्यूजिक के कई स्टाइलों की नॉलेज रखता है। उन्हें कम से कम समय में अपने क्लाइंट की बात टीवी या रेडियो के माध्यम से ऑडियंस तक पहुंचानी होती है। इसमें यह सोच कर स्क्रिप्ट लिखी जाती है कि वह पढी नहीं बल्कि देखी जाएगी और देखते ही कॉन्सेप्ट क्लीयर हो जाएगा।
डिमांड
म्यूजिकल अलबम, फिल्म प्रोडक्शन में होता इजाफा, टीवी चैनलों में धारावाहिकों की संख्या में बढोतरी से इसके प्रोफेशनल्स की डिमांड इंक्रीज हो रही है। जिंगल राइटर्स की एड एजेंसियों में भी काफी डिमांड है।
स्किल्स
म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स और सुरों की बेटर नॉलेज, मार्केट में किस तरह के म्यूजिक की डिमांड है, इसकी जानकारी और कुछ नया करने की ललक। जिंगल राइटर के पास क्रिएटिविटी एवं टाइम लिमिट के साथ-साथ, प्रोडक्ट और उसके टारगेट ऑडियंस की नॉलेज जरूरी है। म्यूजिक ट्रेनिंग देने वाले किसी भी अच्छे इंस्टीट्यूट से परफेक्ट म्यूजिशियन बना जा सकता है।
म्यूजिकल प्रोड्यूसर का वर्क वही कर सकते हैं, जिनके पास इस फील्ड का लंबा एक्सपीरियंस है। म्यूजिक से रिलेटेड हर छोटी से छोटी बात का इन्हें ध्यान रखना पडता है।
डिमांड
फिल्म एवं टीवी इंडस्ट्री को अच्छे म्यूजिकल प्रोड्यूसर की तलाश रहती है। एक बार इस फील्ड में अपना नाम बना लिया तो कई सालों तक आपके पास काम की कोई कमी नहीं रहेगी।
स्किल्स
हर सिचुएशन में काम करने की कैपेबिलिटी, टेक्निकल और प्रोफेशनल नॉलेज, रिकॉर्डिग के काम आने वाले एलीमेंट्स एवं इसमें लगने वाले बजट की जानकारी।
ट्रेनिंग
इसके लिए ट्रेनिंग से कहीं अधिक एक्सपीरियंस जरूरी है। किसी अच्छे म्यूजिकल प्रोड्यूसर को मेंटर बना कर उसकी गाइडेंस पर काम करके एक्सपीरियंस ले सकते हैं।
सिंगर कम स्टेज परफॉर्मर
परफॉर्मिग आर्टिस्ट अकेले या फिर ग्रुप में म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स के साथ शो करते हैं। परफॉर्मिग आर्टिस्ट म्यूजिक के साथ-साथ थोडी बहुत एक्टिंग भी बखूबी कर लेते हैं।
डिमांड
होटल्स, क्लब्स, पब, नाइट क्लब्स, पार्टीज आदि में वर्क के चांस हैं। पार्टी कल्चर जैसे-जैसे बढ रहा है, इनकी डिमांड भी वैसे-वैसे बढती जा रही है।
स्किल्स
म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स की सामान्य एवं टेक्निकल नॉलेज, मौके के अनुसार परफॉर्मेस और एक्टिंग की योग्यता। ग्रूमिंग पर्सनैलिटी और आकर्षक बॉडी लैंग्वेज।
ट्रेनिंग
म्यूजिक एवं म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स की अच्छी नॉलेज किसी भी फेमस इंस्टीट्यूट से लेकर काम शुरू करें। जैसे-जैसे एक्सपीरियंस आएगा, क्वॉलिटी निखरती जाएगी।
म्यूजिक मैनेजमेंट
म्यूजिक इंडस्ट्री में म्यूजिक मैनेजमेंट एक नया उभरता हुआ करियर है। इस काम को करने वालों के पास म्यूजिक के कॉमर्शियल आस्पेक्ट्स की देख-रेख की रेस्पॉन्सिबिलिटी होती है। अपने आर्टिस्ट के लिए प्रोड्यूसर्स से मीटिंग, कॉन्ट्रैक्ट आदि की बात ये प्रोफेशनल्स ही करते हैं।
डिमांड
म्यूजिक इंडस्ट्री में आज काफी नए सिंगर, कंपोजर आ रहे हैं। वह जल्द ही इतने बिजी हो जाते हैं कि उन्हें अपने वर्क को लेकर दूसरों से बात करने की भी फुर्सत नहीं मिलती। ऐसे में ये एक ऐसे व्यक्ति को अपाइंट कर लेते हैं, जो इस काम को बखूबी अंजाम दे सके। यही कारण है कि म्यूजिक मैनेजमेंट की फील्ड तेजी से ग्रोथ कर रही है।
स्किल्स
गुड नॉलेज ऑफ मैनेजमेंट, बेटर पर्सनैलिटी, गुड कम्युनिकेशन स्किल, टाइम मैनेजमेंट और मार्केट रेट की नॉलेज, कॉन्ट्रेक्ट को लेकर लीगल जानकारी।
ट्रेनिंग
यह काम मैनेजमेंट से रिलेटेड है। इसलिए मैनेजमेंट की नॉलेज के लिए किसी भी बडे मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट से एमबीए कर सकते हैं। म्यूजिक की सामान्य जानकारी हासिल कर लें तो अच्छा है।
म्यूजिक जर्नलिस्ट
म्यूजिक जर्नलिस्ट मीडिया से जुडे वे लोग हैं, जो म्यूजिक से रिलेटेड हर फील्ड की नॉलेज रखते हैं। ये आर्टिस्ट की परफॉर्मेस, इंटरव्यू, रिकॉर्डिग आदि के बेस पर म्यूजिक की समीक्षा करते हैं।
डिमांड
सभी न्यूजपेपर, मैग्जीन, वेबसाइट, न्यूज चैनल अपने यहां ऐसे जर्नलिस्ट भी अपाइंट करते हैं, जिन्हें म्यूजिक की नॉलेज होती है। फ्रीलांसर के रूप में भी वर्क ऑप्शंस उपलब्ध हैं।
स्किल्स
म्यूजिक से रिलेटेड सभी इनफॉर्मेशन के साथ अच्छे राइटिंग स्किल्स, कम्युनिकेशन के सभी नए ऑप्शंस की नॉलेज, म्यूजिक से रिलेटेड सभी फील्ड के बैकग्राउंड की जानकारी। म्यूजिक फील्ड से जुडे लोगों के कॉन्टेक्ट में लगातार बने रहना।
ट्रेनिंग
किसी भी अच्छे मास कम्युनिकेशन इंस्टीट्यूट से जर्नलिज्म का कोर्स करने के साथ म्यूजिक फील्ड से जुडे लोगों के टच में रह कर ट्रेनिंग कर सकते हैं।
म्यूजिक थेरेपिस्ट
म्यूजिक केवल एंटरटेनमेंट का साधन नहीं है, अब इसका उपयोग थेरेपी में भी किया जाने लगा है। म्यूजिक थेरेपी करियर की नई स्ट्रीम है और इसमें स्कोप भी लगातार बढता जा रहा है।
डिमांड
इसकी डिमांड में इजाफा इसलिए हो रहा है, क्योंकि इस थेरेपी को लेकर जो भी रिसर्च हुए हैं, सभी ने इसे सक्सेस फुल बताया है। इस ट्रीटमेंट का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। इसके जानकार साइकेट्रिक हॉस्पिटल, हैल्थ एजेंसी, रिहैबिलिटेशन सेंटर्स, प्राइवेट नर्सिग होम आदि में जॉब कर सकते हैं।
स्किल्स
पेशेंट की मनोदशा को समझने के साथ ही उसी के अनुरूप धुनों का यूज करना, पेशेंट के साथ फ्रैंड की तरह बिहेवियर करना और उससे उसके दिल की बात को जानने का प्रयास करना। उसे यह विश्वास दिलाना कि आप उसका ट्रीटमेंट करके उसे पूरी तरह से फिट कर देंगे।
ट्रेनिंग
-एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव केयर्स, मुंबई
-चेन्नई स्कूल ऑफ म्यूजिक थेरेपी, चेन्नई
-म्यूजिक थेरेपी ट्रस्ट इंडिया, नई दिल्ली
-इंडियन एसोसिएशन ऑफ म्यूजिक थेरेपी (ऑनलाइन कोर्स)
म्यूजिक टीचर
म्यूजिक अब हमारी लाइफ का पार्ट हो गया है। सभी इसे सीखना चाहते हैं। म्यूजिक में अच्छी नॉलेज के लिए जरूरी है कि हम जिससे भी ट्रेनिंग लें, उसे इसकी अच्छी इन्फॉर्मेशन हो। यह काम एक म्यूजिक टीचर ही कर सकता है।
डिमांड
म्यूजिक हॉबी के साथ-साथ सब्जेक्ट भी है। म्यूजिक टीचर्स की डिमांड गवर्नमेंट एवं प्राइवेट दोनों ही तरह के इंस्टीट्यूट्स में है, तो म्यूजिक की ट्रेनिंग देने वाले संस्थानों में भी इनकी डिमांड रहती है। लोग अपने बच्चों के लिए घर आकर म्यूजिक ट्रेनिंग देने वाले प्राइवेट टीचरों की तलाश में भी रहते हैं।
स्किल्स
अच्छी अवाज, सुरों पर पकड, कई तरह के इंस्ट्रूमेंट्स को बजाने की काबिलियत, अपनी बात दूसरों को समझाने की क्वॉलिटी। म्यूजिक से रिलेटेड सब्जेक्ट में डिग्री या सर्टिफिकेट।
ट्रेनिंग
एक सब्जेक्ट के रूप में इसकी एजुकेशन स्कूल या कॉलेज लेवल पर ले सकते हैं। इसकी पढाई सभी म्यूजिक इंस्टीट्यूट्स में होती है। अच्छी डिग्री वाले को प्रॉयरिटी दी जाती है।
वीडियो जॉकी
आज की म्यूजिक लविंग जेनरेशन में वीडियो जॉकी एक एक्साइटिंग करियर बन कर उभरा है। एमटीवी, वीटीवी जैसे तमाम म्यूजिक चैनल हैं, जहां वीजी प्रोग्राम होस्ट करते हैं।
डिमांड
लगातार लॉन्च हो रहे म्यूजिक चैनल्स के चलते संगीत का शौक पाल रहे यूथ के पास मौकों की कोई कमी नहीं है।
स्किल्स
इस फील्ड में लंबे समय तक टिके रहने के लिए विजुअल कम्युनिकेशन, परफॉर्मिग आ‌र्ट्स की बैकग्राउंड जरूरी है। अच्छी पर्सनैलिटी भी इसमें सक्सेस दिलाती है।
ट्रेनिंग
-एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन, नोएडा
-इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्टडीज, नई दिल्ली
-एमिटी स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन, नई दिल्ली रेडियो जॉकी
रेडियो जॉकी अपने कम्युनिकेशन स्किल्स व चटपटी बातों से आडियंस को घंटों तक बांधे रखने की काबिलियत रखता है। यही वजह है कि इन दिनों कई एफएम चैनल सिर्फ आरजे के कारण सुने जाते हैं। अगर आप भी अपनी आवाज से लोगों को आकर्षित करने की कला में मास्टर हैं, तो यह फील्ड आपके लिए है।
डिमांड
एफएम चैनल्स की बढती संख्या के साथ-साथ इसमें जॉब के ऑप्शंस भी बढे हैं। सैलरी के लिहाज से भी इसे गुड फील्ड में रखा जा सकता है।
स्किल्स
आकर्षक आवाज और कम्यूनिकेशन स्किल्स, म्यूजिक, फिल्मों की नॉलेज, हिंदी और इंग्लिश लैंग्वेज पर कमांड। हर समय हाई लेवल कॉन्फिडेंस।
ट्रेनिंग
-यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई, मुंबई
-सीआरएएफटी, नई दिल्ली
-एकेडमिक ऑफ रेडियो मैनेजमेंट, भोपाल
-आईआरजे इंस्टीट्यूट ऑफ रेडियो जॉकिंग, चंडीगढ
साउंड इंजीनियरिंग
साउंड इंजीनियर आवाज को खूबसूरत बनाता है। गीत और आवाज के ठहराव और गति को नियंत्रित करता है। साउंड इंजीनियरिंग में मैकेनिकल और इलेक्ट्रॉनिकल दोनों तरह के इंस्ट्रूमेंट्स का यूज किया जाता है।
डिमांड
साउंड इंजीनियर बनकर सीरियल, रेडियो, फिल्मों, एडवरटाइजिंग एजेंसियों, एनिमेशन इंडस्ट्री आदि में काम कर सकते हैं।
स्किल्स
प्रोडक्शन और पोस्ट प्रोडक्शन दोनों ही लेवल पर काम करने की योग्यता के साथ ही एडिटिंग और मिक्सिंग की अच्छी नॉलेज। यूज में आने वाले इंस्ट्रूमेंट्स की जानकारी।
ट्रेनिंग
-फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे
-एशियन एकेडेमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन, नोएडा
-द मीडिया इंस्टीट्यूट, मुंबई
-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, खडगपुर
-यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई, मुंबई
-एमिटी स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन, नई दिल्ली
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