फार्मेसी में खूब मिलती है सैलरी, जानें कैसे बनाएं करियर
मित्रो पिछले कुछ दिनों में मुझे Pharmacy के बारे में विस्तार से बताने के लिए कई छात्रों ने कहा था और उनके हर कमेंट का जवाब एक जैसा देना मेरे लिए सम्भव नही था इसलिए आज मै आपको Pharmacy के बारे में विस्तार से बताऊंगा ताकि किसी भी छात्र को Career की राह में किसी तरह की आपति ना हो | Pharmacy में मुख्यतः दो प्रकार के कोर्स होते है B Pharma और D Pharma | आइये आपको पहले B Pharma के बारे में पहले विस्तार से बताते है |
Bachelor of Pharmacy
Bachelor of Pharmacy जिसको संक्षिप्त में B.Pharma भी कहते है | B.Pharma चार साल का undergraduate course है | ये कोर्स पूरा करने के बाद आपको ‘Bachelor of Pharmacy’ की डिग्री प्राप्त होगी | इस डिग्री के मिलने के बाद आप भारत में Pharmacist की practice भी कर सकते है या फिर विदेश भी जा सकते है | Science stream की छात्र चाहे वो Mathematics से हो या फिर Biology से 12 वी कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद B.Pharma के लिए Eligible होते है | वैसे सामन्यत: Biology वाले छात्र Pharmacy लाइन में जाना ज्यादा पसंद करते है | आइये अब मै आपको B.Pharma के बारे में Basic introduction , कोर्स की जानकारी , eligibility criteria , एडमिशन की जानकारी , PG कोर्स और जॉब के बारे में विस्तार से बताता हु |
Bachelor of Pharmacy जिसको संक्षिप्त में B.Pharma भी कहते है | B.Pharma चार साल का undergraduate course है | ये कोर्स पूरा करने के बाद आपको ‘Bachelor of Pharmacy’ की डिग्री प्राप्त होगी | इस डिग्री के मिलने के बाद आप भारत में Pharmacist की practice भी कर सकते है या फिर विदेश भी जा सकते है | Science stream की छात्र चाहे वो Mathematics से हो या फिर Biology से 12 वी कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद B.Pharma के लिए Eligible होते है | वैसे सामन्यत: Biology वाले छात्र Pharmacy लाइन में जाना ज्यादा पसंद करते है | आइये अब मै आपको B.Pharma के बारे में Basic introduction , कोर्स की जानकारी , eligibility criteria , एडमिशन की जानकारी , PG कोर्स और जॉब के बारे में विस्तार से बताता हु |
Bachelor of Pharmacy संक्षिप्त परिचय
एक pharmacist का मुख्य कार्य रोगियों के लिए दवाये उपलब्ध कराना होता है | इससे पता चलता है कि B.Pharma में आपको बायोलॉजी , pharmaceutical chemistry , बायोकेमिस्ट्री ,physiology आदि की पढाई करनी पडती है | इस कोर्स को करने के बाद Student को pharmaceutical industry में अलग अलग प्रकार के काम करने के लिए तैयार रहना पड़ता है | वैसे भारत में pharmacist का रोल बहुत सीमित होता है लेकिन विदेश का इनका परिदृश्य बिलकुल अलग है | विदेश में pharmacists का रोल बहुत अहम होता है और उसको सम्मान भी काफी अधिक मिलता है |
एक pharmacist का मुख्य कार्य रोगियों के लिए दवाये उपलब्ध कराना होता है | इससे पता चलता है कि B.Pharma में आपको बायोलॉजी , pharmaceutical chemistry , बायोकेमिस्ट्री ,physiology आदि की पढाई करनी पडती है | इस कोर्स को करने के बाद Student को pharmaceutical industry में अलग अलग प्रकार के काम करने के लिए तैयार रहना पड़ता है | वैसे भारत में pharmacist का रोल बहुत सीमित होता है लेकिन विदेश का इनका परिदृश्य बिलकुल अलग है | विदेश में pharmacists का रोल बहुत अहम होता है और उसको सम्मान भी काफी अधिक मिलता है |
Course Details in Pharmacy
Bachelor of Pharmacy एक undergraduate डिग्री कोर्स है जो चार साल का होता है | B.Pharma की चार साल की पढाई को 8 सेमेस्टर में बांटा जाता है और हर semester छ: महीने का होता है | हर semester में students को एक theoretical external examination देना जरुरी होता है जिसे मेन एग्जाम कहते है | कुछ semesters में practical exam भी होते है जिसमे hospital pharmacy, clinical pharmacy और community pharmacy जैसे विषय शामिल होते है |
Eligibility Criteria for Pharmacy
Science stream का कोई भी छात्र जिसने PCM या PCB से 12वी बोर्ड की परीक्षा किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से पास की हो इस कोर्स को करने के लिए eligible होता है | कई कॉलेज तो सिर्फ PCB वाले छात्रों को ही प्राथमिकता देते है |
Admission Process in Pharmacy
Pharmacy में दाखिला लेने के लिए Student को PCM या PCB में कम से कम 50 प्रतिशत अंको के साथ उतीर्ण होना आवश्यक है | कई संस्थानों में मेरिट के आधार पर दाखिला होता है जिसमे बोर्ड एग्जाम में मिले अंको के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार होती है | इसके अलावा कई Deemed Universities और मान्यता प्राप्त प्राइवेट संस्थानों में योग्य छात्रों को entrance Test में मिले अंको के आधार पर सीट मिलती है |
बी.फार्मा का कोर्स कंटेंट Course Content
वैसे तो सामान्यत: सभी कॉलेज में यूनिवर्सिटी के आधार पर syllabus अलग अलग होता है लेकिन फिर भी सभी कॉलेज में विषय एक जैसे होते है जो सेमेस्टर बदलने पर बदलते रहते है | B.Pharma के प्रथम वर्ष में Human Anatomy , Physiology , Dispensing and General Pharmacy और Pharmaceutical Chemistry (Organic, Inorganic and Physical) विषय होते है | दुसरे वर्ष में Health Education , Clinical Chemistry , Biochemistry , Pharmaceutical Analysis , Advanced Organic Chemistry , Pharmaceutics , Molecular Biology , Mathematics होते है |
तीसरे वर्ष में Industrial Management , Computer Applications , Pharmacology 1 और Chemistry of Natural Products विषय होते है | चौथे और अंतिम वर्ष में Pharmacy Practice , Pharmaceutical Analysis (Advanced) , Pharmaceutics (Advanced) और Pharmacology 2 विषय होते है | चौथे वर्ष में आपको एक प्रोजेक्ट वर्क भी सबमिट करवाना होता है जो अलग अलग कॉलेज में अलग अलग होता है |
D.Pharma Information in Hindi
D.Pharma जिसे Diploma in Pharmacy भी कहते है दो साल का डिप्लोमा कोर्स होता है | अगर आपको pharmacy के क्षेत्र में ही जाना है और आपके पास समय की कमी हो या फिर आर्थिक स्तिथि ठीक ना हो तो D.Pharma आपके लिए Best Option है | भारत में Pharmacist बनने के लिए यह minimum qualification होती है | वैसे B.Pharma की वैल्यू ज्यादा होती है लेकिन अगर कोई D.Pharma करने के बाद भी B.Pharma करना चाहे तो ये सम्भव हो सकता है | इसके लिए आपको B.Pharma में सीधे दुसरे साल में प्रवेश मिल जाता है जिसे Lateral entry कहते है |
फार्मेसी के बाद के पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स PG Courses
Bachelor of Pharmacy पुरी करने के बाद कई छात्र Post Graduate करने की इच्छा रखते है इसलिए Master डिग्री पाने के लिए उन छात्रों को एक कदम आगे बढाकर M.Pharma करना पड़ता है | M.Pharma जिसे Master of Pharmacy कहते है दो साल का PG course है | PG course करने के बाद ग्रेजुएट किसी विशेष फील्ड में specialize बन सकते है | इसके बाद वो ओर ज्यादा advanced course जैसे PhD और खोजबीन के क्षेत्र में भी जा सकते है | Master of Pharmacy करने के बाद Lecturer के रूप में भी अपना करियर बना सकते है | कई छात्र MBA करके इस क्षेत्र में व्यवसाय करने की चाह भी रखते है |
फार्मेसी के बाद करियर की सम्भावनाये Career Prospectus and Job Opportunities
B.Pharma के बाद सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में जॉब की अपार सम्भावनाये होती है बस आपमें टैलेंट होना चाहिए | वैसे सबसे सामान्यत: जॉब pharmacist की होती है | कोर्स पूरा करने के बाद और लाइसेंस मिलने के बाद ग्रेजुएट सरकारी अस्पतालों . प्राइवेट अस्पतालों और प्राइवेट मेडिकल क्लिनिक में pharmacists के तौर पर काम कर सकते है | अगर कोई ग्रेजुएट आर्थिक रूप से सम्पन हो तो वो खुद की Medical shop भी खोल सकता है जिसमे काफी कमाई होती है |
इन सब के अलावा ग्रेजुएट छात्रों को कई pharmaceutical companies भी Recruit करती है | pharmaceutical company में ग्रेजुएट कई विभागों जैसे manufacturing, packing, quality control, marketing आदि में काम कर सकता है | हर राज्य में ग्रेजुएट के लिए कई जॉब भी निकलती रहती है | सरकारी संस्थानों में Drug inspector , powders and ORS manufacturing units और State owned tablets जैसी कई job providers है |
इससे ये निष्कर्ष निकलता है कि Pharmacy करने के बाद ग्रेजुएट छात्र Pharmacist , Medical representative , Scientist (Research field) , Teacher (Junior Lecturer) , Quality Control Officer , Clinical Research professional , Drug Inspector , Marketing professional जैसी जॉब तो आसानी से कर सकता है और उनको Hospitals and Clinics (Government and Private) , Medical Shop chains (the likes of Apollo Pharmacy) , State wise Drugs and Pharmaceutical Boards और कई जानी मानी pharmaceutical companies जैसे सिपला, GSK, Sun फार्मा अदि में जॉब मिल सकती है |
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