विकास दुबे के आठ दिन ऐसे बीते, जानिए दो जुलाई से अब तक क्या हुआ

कानपुर के बिधूना गांव में आठ पुलिसकर्मियों का हत्यारा विकास दुबे मार गिराया गया है। अपनी जान बचाने के लिए वह उज्जैन के महाकाल मंदिर में पहुंचा था और वहां मंदिर के सुरक्षाकर्मियों को शक होने पर उसे गिरफ्तार कर लिया था। उसे लगता था कि महाकाल की शरण में जाने से वह अकाल मृत्यु से बच जाएगा, लेकिन आज साफ हो गया है कि महाकाल भी अपराधियों को आशीर्वाद नहीं देते हैं।
वहां से ट्रांजिट रिमांड पर विकास दुबे को कानपुर लाया जा रहा था। पनकी पहुंचने तक के करीब 10 घंटे के सफर में शांत रहा। मगर, कानपुर पहुंचते ही विकास दुबे को लगा कि एक बार फिर वह पुलिस को अपनी दबंगई से दबा सकता है। इस दौरान उसने पुलिस से पिस्टल छीनने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि इस वजह से हुई हाथा-पाई में एसटीएफ की कार पलट गई और मौके का फायदा उठाकर विकास दुबे पिस्टल लेकर भागने लगा।
गाड़ी में मौजूद एसटीएफ के दो कर्मचारी भी घायल हुए हैं। घायलों को हैलेट अस्पताल पहुंचाया गया है। इसके अलावा उसने पुलिस पर फायरिंग करनी शुरू कर दी जवाबी फायरिंग में वह घायल हो गया था और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

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